
Bihar Patna: जानकरी के मुताबिक केंद्रीय बजट में बिहार के लिए घोषित ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे के एलायनमेंट को ले सर्वे का काम आरंभ हो गया है। ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे को ले एक साथ कई एलायनमेंट को विकल्प को ध्यान में रख सर्वे का काम हो रहा है और बिहार में ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे के लिए सर्वे का काम शुरू हो गया है। जैसा की आपको बता दू की पटना-पूर्णिया और बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेस वे के लिए दो-दो एलाइनमेंट पर विचार किया जा रहा है। और रक्सौल से हल्दिया पोर्ट के बीच छह लेन एक्सप्रेस वे का निर्माण कराया जाना है। और यह पटना होते हुए झारखंड के रास्ते पश्चिम बंगाल पहुंचेगा। फिलहाल इसका डीपीआर बनाया जा रहा। जो की एनएचएआई के आला अधिकारी ने बताया कि सर्वे पूरा होने के बाद उच्च स्तर पर एलायनमेंट को लेकर विमर्श होगा। उसके बाद डीपीआर के लिए एजेंसी तय करने का काम होगा।
जानकारी के मुताबिक Greenfield Expressway land 620 किलोमीटर परियोजना करीब 13 चरणों में पूरी की जाएगी। और ये परियोजना के अंतर्गत 22 किलोमीटर सड़क उप्र में 162 किमी बिहार में 200 किमी झारखंड में और 234 किमी बंगाल में बननी है। और यूपी बिहार व झारखंड के 386 किमी मार्ग का टेंडर हो चुका है। बंगाल के काम की टेंडर प्रक्रिया सितंबर तक पूरी हो जाएगी।
जैसा की बनारस-कोलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के लिए जमीनों की रजिस्ट्री बिहार में फंस गई है। और एक साल से इस गतिरोध ने अफसरों की चिंता बढ़ा दी है। पहले पैकेज के लिए चंदौली में जमीन अधिग्रहण हो चुका है, और लेकिन दूसरे व तीसरे पैकेज के लिए जमीनों की रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है, और यह इलाके रोहतास और कैमूर जिले के हैं।
और विवाद सुलझाने के लिए मध्यस्थ नियुक्त हो चुके हैं, उनके पास विवाद पहुंचने लगे हैं। अब भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के लिए वन विभाग की 37 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण चुनौती है। दूसरे पैकेज में दो हेक्टेयर जबकि तीसरे में करीब 35 हेक्टेयर जमीन वन विभाग की है। यह कैसे प्राधिकरण को मिलेंगी, इस पर मंथन हो रहा है।

Bihar: इन जिलों से गुजरेगा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे
हमे बता के खुसी हो रही है की मगध से मिथिला को जोड़ने वाली इस सड़क के महत्व को देखते हुए ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से अनुरोध किया था. और करीब 200 किमी लंबी की लंबाई में बनने वाली फोरलेन आमस-दरभंगा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे से राज्य के विकास को गति मिलेगी. और यह सड़क राज्य के सात जिलों से होकर गुजरेगी.इनमें गया, जहानाबाद, नालंदा, पटना, वैशाली, समस्तीपुर और दरभंगा जिले शामिल हैं. इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर करीब साढ़े सात हजार करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान है.
Bihar: 80 फीसदी नयी सड़क होगी
जैसा की आपको बता दू की उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाली इस सड़क से पटना का गया और दरभंगा एयरपोर्ट से सीधा संपर्क हो जायेगा. और साथ ही इसका संपर्क जीटी रोड से भी हो जायेगा. और सड़क बनाने की जिम्मेदारी एनएचएआइ को दी गयी है और सूत्रों के मुताबिक भारतमाला योजना के तहत बनने वाली इस सड़क में 80 फीसदी ग्रीनफील्ड रखा गया है. और ग्रीन फील्ड का अर्थ है कि इस कॉरिडोर में 80 फीसदी नयी सड़क होगी.
जब की बीते दिनों एनएचएआइ की भू-अर्जन समिति की बैठक में इस सड़क को औरंगाबाद से जयनगर तक करीब 271 किमी की लंबाई में बनाने का प्रस्ताव था. और समिति ने फिलहाल औरंगाबाद से दरभंगा तक के लिए इस सड़क की मंजूरी दी है. इसके बाद अगले चरण में इसका विस्तार दरभंगा से जयनगर तक किया जायेगा.
बिहार पटना-आरा-सासाराम ग्रीनफिल्ड एक्सप्रेस-वे :
जैसा की आपको जानकारी के अनुसार बता दे की बिहार कह रही है की यह सड़क बेहद महत्वपूर्ण है और 110 किलोमीटर लंबी यह सड़क चार लेन की बनेगी. फोर लेन इस सड़क को आरा रिंग रोड से जोड़ने के लिए 318 करोड़ की लागत से 12 किमी का कनेक्टिंग रोड बनेगा.