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Vehicle Registration: महाराष्ट्र में अब डीलर पर्यटक टैक्सी, हल्के वाणिज्यिक वाहनों का पंजीकरण कर सकेंगे पंजीकरण RTO जाना पर सकता है

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Mumbai: जैसा की आपको जानकारी के अनुसार बता दू 18 अक्टूबर (भाषा) महाराष्ट्र में वाहन डीलर अब क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) में जाए बिना पर्यटक टैक्सी, माल ढोने वाले ऑटो रिक्शा, पिकअप और टेम्पो जैसे वाणिज्यिक वाहनों का पंजीकरण करा सकेंगे। और जैसा की अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है की उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने इस महीने की शुरुआत में डीलर के पास 7,500 किलोग्राम से कम सकल वाहन भार (जीवीडब्ल्यू) वाले वाहनों सहित पूरी तरह से निर्मित वाणिज्यिक वाहनों के पंजीकरण की सुविधा के लिए एक परिपत्र जारी किया था।
और जैसा की एक तरफ जहां ट्रांसपोर्टरों ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे उनका समय और पैसा बचेगा तथा और आरटीओ में होने वाली ‘‘अनावश्यक’’ परेशानियों से राहत मिलेगी। जैसा की वहीं, परिवहन विभाग के अधिकारियों ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि क्या वह डीलर वाहन सुरक्षा मानदंडों का ईमानदारी से पालन करेंगे।

जैसा की आपको बता की एक तरफ जहां ट्रांसपोर्टरों ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि इससे उनका समय और पैसा बचेगा तथा आरटीओ में होने वाली ‘‘अनावश्यक’’ परेशानियों से राहत मिलेगी। वहीं, परिवहन विभाग के अधिकारियों ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि क्या डीलर वाहन सुरक्षा मानदंडों का ईमानदारी से पालन करेंगे। और अभी तक, राज्य में डीलर को केवल निजी कारों और दोपहिया वाहनों को ही पंजीकृत करने का अधिकार था।
जैसा की परिवहन विभाग के नवीनतम परिपत्र के अनुसार, ‘‘उक्त नियम के प्रावधानों के अनुसार, यहाँ पर्यटक टैक्सी (मीटर वाली टैक्सियों को छोड़कर), तिपहिया माल वाहनों और 7,500 किलोग्राम से कम जीवीडब्ल्यू वाले चार पहिया माल वाहनों को पंजीकृत करने का अधिकार भी ऑपरेटर को दिया जा रहा है।’’ और परिपत्र में मीटर वाली टैक्सी को शामिल नहीं किया गया है, और जिसके चलते आरटीओ उनके पंजीकरण में अपनी भूमिका निभाना जारी रखेंगे।

जैसे की जानकारी के अनुसार “डीलर पंजीकरण” के लिए, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) ने VAHAN 4.0 प्रणाली के हिस्से के रूप में एक ऑनलाइन एप्लिकेशन विकसित किया है, जो की देश भर में वाहनों के पंजीकरण विवरण को संग्रहीत करता है। और राज्य के डीलर अपने स्तर पर हल्के वाणिज्यिक वाहनों को पंजीकृत करने के लिए इस प्रणाली का उपयोग करेंगे। जब की महाराष्ट्र में RTO में सालाना 2 लाख से अधिक वाणिज्यिक वाहन पंजीकृत होते हैं। और 2023 में, राज्य भर में 23.63 लाख से अधिक वाहन पंजीकृत किए गए, जिनमें से 2.45 लाख वाणिज्यिक वाहन थे, और जिनमें टैक्सी, ऑटोरिक्शा, बसें और भारी ट्रक शामिल हैं।

हालांकि जानकारी के अनुसार ट्रांसपोर्टरों ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि इससे उनका समय और पैसा बचेगा और आरटीओ में उन्हें होने वाली “अनावश्यक” परेशानियों से राहत मिलेगी। लेकिन परिवहन विभाग के अधिकारियों ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि क्या डीलर वाहन सुरक्षा मानदंडों का ईमानदारी से पालन करेंगे।
और जैसा की जानकारी के अनुसार अब तक, राज्य में डीलरों को सिर्फ निजी कारों और दोपहिया वाहनों जैसे गैर-परिवहन वाहनों को पंजीकृत करने का अधिकार था। और जिन पर सफेद नंबर प्लेट लगी होती थी।
और परिवहन विभाग के ताजा सर्कुलर के मुताबिक, “उक्त नियम के प्रावधानों के अनुसार, पर्यटक टैक्सियों (मीटर वाली टैक्सियों को छोड़कर), तीन-पहिया पूरी तरह से निर्मित माल वाहनों और 7,500 किलोग्राम से कम जीवीडब्ल्यू वाले चार-पहिया पूरी तरह से निर्मित माल वाहनों को पंजीकृत करने का अधिकार भी ऑपरेटरों को दिया जा रहा है।” सर्कुलर में मीटर वाली टैक्सियों को शामिल नहीं किया गया है, जिसका मतलब है कि आरटीओ उनके पंजीकरण में भूमिका निभाना जारी रखेंगे।
जानकारी के मुताबिक डीलर पंजीकरण के लिए, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) ने वाहन 4.0 प्रणाली के हिस्से के रूप में एक ऑनलाइन एप्लिकेशन विकसित किया है। जो लोग देश भर में वाहनों के पंजीकरण डिटेल्स इकट्ठा करता है। और राज्य के डीलर अपने स्तर पर हल्के वाणिज्यिक वाहनों को पंजीकृत करने के लिए इस प्रणाली का इस्तेमाल करेंगे।
अब महाराष्ट्र में आरटीओ में सालाना 2 लाख से ज्यादा वाणिज्यिक वाहन पंजीकृत होते हैं। जो की 2023 में, राज्य भर में 23.63 लाख से ज्यादा वाहन पंजीकृत किए गए। जिनमें से 2.45 लाख वाणिज्यिक वाहन थे, जिनमें टैक्सी, ऑटोरिक्शा, बसें और भारी ट्रक शामिल हैं।
हालांकि, कुछ वरिष्ठ आरटीओ अधिकारी परिवहन आयुक्त कार्यालय द्वारा वाणिज्यिक वाहनों के पंजीकरण का काम डीलरों को सौंपने के फैसले से नाराज हैं। उनका दावा है कि यह सर्कुलर आरटीओ या विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों से परामर्श किए बिना जारी किया गया है। और इसमें यात्री और सड़क सुरक्षा पहलुओं की अनदेखी की गई है।

नाम न बताने की शर्त पर एक वरिष्ठ आरटीओ अधिकारी ने कहा कि वाणिज्यिक वाहनों के पंजीकरण के दौरान मोटर वाहन निरीक्षक विभिन्न यात्री और सड़क सेफ्टी फीचर्स की जांच करते हैं। उन्हें संदेह है कि क्या डीलर इन पहलुओं को गंभीरता से लेंगे।
अधिकारी ने कहा, “मेरे विचार से, जिन वाणिज्यिक वाहनों के लिए फिटनेस प्रमाणन अनिवार्य है, उन्हें अनिवार्य रूप से आरटीओ कार्यालय में पंजीकृत किया जाना चाहिए।” आरटीओ अधिकारी के अनुसार, पैनिक बटन, स्पीड गवर्नर, फास्टैग और जीपीएस जैसे उपकरण वर्तमान में वाणिज्यिक वाहनों के लिए अनिवार्य हैं। उन्होंने कहा कि आरटीओ निरीक्षक यह सुनिश्चित करते हैं कि नए वाहनों में असली उपकरण लगे हों। लेकिन उन्हें यकीन नहीं है कि डीलर के स्तर पर इसकी पुष्टि की जाएगी या नहीं।

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